11 जनवरी 2014

केजरीवाल भारत में अमेरिकी हितों का नया मोहरा :- अमेरिका की असलियत.........

क्या आप जानते हैं कि ...
अमेरिका किस प्रकार अपने हितो के लिए किसी भी देश में अपना राजनैतिक आधार तैयार करता है ???? इतिहास देखिये |

ईराक में 70 के दशक में ईराक में अस्थिता का माहौल अमेरिका ने बनाया और शुन्य से एक नौजवान को, एक छात्र जीवन से उठाकर उसका टीवी के द्वारा प्रचार करवा कर रातों रात ईराक का हीरो बना दिया | जानते है उसका नाम क्या था ? उसका नाम था सद्दाम हुसैन जो की एक कोलेज का छात्र था, छात्र राजनीति में भाग लेता था, उसको अमेरिका ने इतना प्रसिद्ध करवा दिया की उसको रातों-रात "बाथ" पार्टी का अध्यक्ष तक बनवा दिया | और यही बाद में ईराक का राष्ट्रपति बना, जब वह अपने देश को आगे ले जाने की सोचने लगा तो अमेरिका हो अखरने लगा, और बाद में सब जानते है की अमेरिका ने उसके साथ-साथ उसके देश ईराक का क्या किया |
दूसरा उदाहरण है ओसामा-बिन-लादेन का जो की अफगानिस्तान में जब आया था, तो इंजिनियर का छात्र था, उस समय अफगानिस्तान में रुसी सेनाये थी, अमेरिका ने लादेन को सपोर्ट किया, उसको आधुनिक हथियार दिए, रुसी सेनाओं के खिलाफ लड़ने के लिए | जब रुसी सेनाये अफगानिस्तान छोड़ कर चली गयी, तो लादेन तालिबान की मदद से वहां का शासन चलाने लगा, जब उसने
अफगानिस्तान के लिए कुछ करना चाहा, और अमेरिको के हित में काम करने से मना कर दिया | तो लादेन और अफगानिस्तान का क्या हुआ यह भी पूरा विश्व जानता है |
मित्रो अमेरिका की निति ही यह है कि यदि किसी देश की सत्ता उसके हितों की जब अनदेखी शुरू कर देती है तो वह उसी देश में एक मसीहा का निर्माण करता है |
कमोबेस आज भारत में भी यही हो रहा है मोदी जी की भारत में बढती लोकप्रियता और स्वीकार्यता को देखते हुए और कोंग्रेस के पतन को देखते हुए उसमे फिर वही अपनी पुरानी नीति भारत के लिए अपनाई है, ताकि स्वदेशी का आन्दोलन चलाने वालों को कुचला जा सके, जिससे उसके देश की अर्थव्यवस्था चल सके,
 
इसके लिए उसने आज फिर अपना दांव भारत में खेला है, जिसे कोई भी टीवी प्रभावित भारत का नागरिक नहीं देख और समझ पा रहा है |
आज 2 साल पहले तक गुमनामी के अँधेरे में रहने वाले चेहरे को अपनी ख़ुफ़िया एजेंसी CIA के वैश्विक दलाल " फोर्ड फाउन्डेसन " के माध्यम से केजरीवाल को भारत (माफ़ करना विदेश) के बिकाऊ मिडिया के सहयोग से हीरो बना दिया, और भारत की जनता विश्व के अमेरिकी इतिहास से अनजान होकर राष्ट्रवादी शक्तियों के विरोध में लग गयी है यह निश्चय ही बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है इसका दूरगामी प्रभाव बहुत ही विनाशकारी सिद्ध होगा |

9 जनवरी 2014

एक अपील सभी हिंदू,मुस्लिम,सिख्ख,ईसाई से पहले पूरी पोस्ट पढ़े .....

मोदी का विरोध सिर्फ आर्थिक कारणों से हो रहा है, न की सांप्रदायिक कारणों से ...... जब से अमेरिका यूरोप में यह संकेत गया है की मोदी के सत्ता में आने पर सरकारी नीतिया बदली जायेगी और भारत निर्मित स्वदेशीवस्तुओ के उत्पादन और उनके उपयोग पर भारत सरकार और देश की जनता द्वारा जोर दिया जायेगा, इसी कारण ये यूरोपीय और अमेरिकी देश मोदी का रास्ता रोकने के लिए मोदी विरोधी शक्तिओ को खूब प्रोत्साहन, और फंड दे रहे हैं. यदि भारत द्वारा सिर्फ १ साल तक विदेशी उत्पादों का बहिष्कार कर दिया जाये,  तो यूरोप का यूरो और अमेरिका का डॉलर, भारतीय रुपये के मुकाबले बहुत निचे आ जायेगे. सिर्फ यही नहीं, यूरोप और अमेरिका दुबारा मंदी की जकड में चला जायेगा, और अमेरिका यूरोप दोनों जगहों पर बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि होगी, क्योकि तब भारत में सामान का उत्पादन होने से रोजगार भारत वालो को मिलेगा. 
आज के दिन भारत का सारा रोजगार चीन, अमेरिका और यूरोप चला गया है, क्योकि हम सब लोग बाहर देशो में बना सामान खरीद रहे हैं| गुजरात दंगे का प्रचार तो सिर्फ भारत की जनता को मुर्ख बनाने के लिए बार बार किया जाता है, विदेशियों द्वारा मोदी का विरोध का सिर्फ आर्थिक कारण है. भारत में स्विट्जरलैंड के 156 गुना लोग रहते हैं, और 121 करोड़ लोग दुनिया में सबसे बड़े ग्राहक है घटिया विदेशी उत्पादों के. आज भारत में 5000 विदेशी कंपनिया 27 लाख करोड़ का बिजिनेस करके, हर साल 17 लाख करोड़ रुपये को डालर में बदलकर अपने देश ले जाती है, जिससे रुपये निचे जा रहा है. मोदी द्वारा सत्ता में आने के बाद अर्थक्रान्ति प्रस्ताव के लागू करने की भनक भी अमेरिका को लग चुकी है, जो भारत के लिए अमेरिका की कीमत कम कर देगा. 
 मोदी और डॉ.स्वामी ने बीजेपी सरकार आने पर डालर का भाव 5 साल में 21 रुपये और 10 साल में 10/- रुपये तक लाने की योजना पर सोच रहे हैं. यदि डालर 10 रुपये हो जाये तो भारत का 46 लाख करोड़ का कर्जा सिर्फ 7 लाख करोड़ ही रह जायेगा जिसे हम एक झटके में दे सकते हैं. 2013 के बजट 17 लाख करोड़ के बजट में से 5.35 लाख करोड़ सिर्फ कर्ज की किश्त देने में ही चला गया, जो पुरे बजट का करीब एक तिहाई है सोचो भारत विकास कैसे करेगा. अमेरिका मोदी को किसी भी हालत में PM बनता नहीं देखना चाहता है क्योकि मोदी के पीछे सभी राष्ट्रवादी खड़े हैं. आने वाले समय में मिडिया मोदी को और भी अनदेखा करेगा, और कजरी गिरोह को फोकस करके मोदी की राह रोकने की योजना पर काम करेगा.
मेरी सभी हिंदुस्तानियों हिंदू, मुस्लिम, सिख्ख,ईसाई भाई और उनके परिवार के अन्य सदस्यों से निवेदन और गुजारिश हैं, की इस बार आपके लोकसभा चुनाव में चाहे कोई भी भाजपा की तरफ से खड़ा हो, उसे वोट डे कर देश का विकास तो करने में सहयोगी बने ही साथ ही देश के विकास करने पर आपका विकास अपने आप हो जाएगा |  

4 जनवरी 2014

झाड़ू सिर्फ जनता को बेवकूफ बना, वोट बटोरने के लिए हैं ............

जनता की राय लेने की नौटंकी करने वाले केजरीवाल जरा ये भी बताएं कि क्या उन्होंने --
१. आम आदमी पार्टी के गठन से पहले दिल्ली की जनता की राय ली थी?
२. इस पार्टी का संयोजक बनते समय जनता की राय ली थी?
३. अपने मंच से भारतमाता का चित्र हटाते समय जनता की राय ली थी?
४. अपनी पार्टी में दायित्व वितरण के समय जनता की राय ली थी?
५. इमाम बुखारी की चौखट पर माथा रगड़ने से पहले जनता की राय ली थी?
६. तौकीर रज़ा के दर पर भीख मांगने से पहले जनता की राय ली थी?
७. रोडीज छाप रघु राजीव को अपनी पार्टी के प्रचार में शामिल करने से पहले जनता की राय ली थी?
८. बालीवुड के नौटंकीबाजों द्वारा जंतर मंतर पर पार्टी का प्रचार कराने से पहले जनता की राय ली थी?
९. मोदी को भ्रष्ट घोषित कर गुजरात में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा से पहले जनता की राय ली थी?
१०. दिल्ली में केजरी और केंद्र में मोदी का भ्रम फ़ैलाने के बाद इस से पलटने से पहले जनता की राय ली थी?
नौटंकीबाज ! जब अब तक इतना कुछ करने से पहले जनता को ठेंगे पर रखा था तो
अब जनता से पूछने का ड्रामा क्यों? कितना और बेवकूफ बनाओगे जनता को ? और ये जनता भी कब तक खुद बेवकूफ बनेगी ? भारत में एक कहावत हैं, जब तक देश में चूतिये हैं तब तक अक्लमंद भूखे नही रहेंगे" शायद देश की जनता खुद को चूतिये साबित करने पर तुली हैं |  

1 जनवरी 2014

बेवकूफ बनती जनता और मजे लेता "केजरीवाल" उर्फ "नटवरलाल"............

देश को बेवकूफ बना रहे आप पार्टी के नेता मि. "नटवरलाल" को देश का मिडिया जगत  "आम-आदमी आम-आदमी" कह कर बेचारे असली आम आदमी का अच्छा मजाक कर रहे है| क्या देश में आम आदमी घर से ऑफिस जाता है तब न्यूज चेनलो के दर्जनो केमरे कवर करने के लिए साथ साथ चलते है ? केजरीवाल को खांसी या बुखार होता है, तो न्यूज में ब्रेकिंग न्यूज़ बनती है, क्या किसी आम आदमी को 24*7 घंटे कवर किया जाता है ? ऊपर से नटवरलाल द्वारा कहा जाता है की कोई सुरक्षा नहीं लेंगे, लेकिन पुलिस सिविल ड्रेस में सीक्रेट सुरक्षा देती है, जिसपर सामान्य सुरक्षा से 5 गुना ज्यादा खर्चा आता है| केजरीवाल उर्फ़ नटवरलाल की पल पल कि गतिविधि को कवर करने वाली मीडिया केजरीवाल को "आम-आदमी" कैसे कह सकते है, बल्कि ऐसा कवरेज तो "ख़ास-आदमी" को मिलता है, अगर देश में आपके आसपास ऐसा आम आदमी हो जिसे ये सब सुविधाए मिलती हैं, तो हमारा भ्रम दूर करने की कृपा कराये |

81 करोड़ भारतीयों का आधार & पासपोर्ट डाटा बिक्री के लिए उपलब्ध

  अख़बार  बिजनेस स्टैंडर्ड  की रिपोर्ट के मुताबिक़, 81 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों की निजी जानकारी डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध है. अख़बा...