12 फ़रवरी 2014

देश की प्रतिभाओ को मरवाती रही हैं विदेशी सरकारे खास तौर से अमेरिका.....

देश की कई प्रतिभाओ को मरवाने में अमेरिकी सरकार शुरू से लिप्त रही हैं, जिसकी शुरुआत देश के पहले परमाणु वैज्ञानिक डा. होमी जहाँगीर भाभा से हुयी थी, जिन्होंने देश का पहला परमाणु बिजलीघर "रावतभाटा" राजस्थान में बना कर एक नए युग की शुरुआत देश में की थी, अब भी वक्त हैं संभल जाओ .....
एयर इंडिया उड़ान 101 (अंग्रेज़ी: Air India Flight 101) बॉम्बे से लंदन के लिए निर्धारित एयर इंडिया की यात्री उड़ान थी जो दुर्घटनावश 24 जनवरी 1966 को फ़्रांस में मोंट ब्लाँक पहाड़ से टकरा गई थी। दुर्घटना में कर्मीदल के 11 सदस्यों के साथ-साथ सभी 106 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। इसी विमान दुर्घटना में भारतीय परमाणु वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु हुई थी।

दुर्घटना

एयर इंडिया फ़्लाइट 101 बॉम्बे (अब मुम्बई) से लंदन के लिए निर्धारित यात्री उड़ान थी और दुर्घटना वाले दिन बोईंग 707 द्वारा संचालित की जा रही थी। इसका पंजीकरण वी॰टी॰-डी॰एम॰एन॰ (VT-DMN) और नाम कंचनजंगा था। बॉम्बे से उड़ान भरने के पश्चात यह अपने दो निर्धारित ठहरावों, दिल्ली और बेरूत, में रुकने के बाद जिनेवा की तरफ़ जा रही थी। जहाज के पायलट को ऐसा लगा कि वह मोंट ब्लाँक को पार कर चुका है और इसी गलतफ़हमी में उसने जहाज की ऊँचाई कम करनी शुरू कर दी और मोंट ब्लाँक से विमान की टक्कर हो गई। विमान विध्वंस हो गया और सभी 106 यात्रियों और 11 चालक दल के सदस्यों की दुर्घटना में मृत्यु हो गई। यात्रियों में भारतीय वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष होमी जहांगीर भाभा भी शामिल थे, जिनका निधन इसी दुर्घटना में हुआ था।

जाँच

दुर्घटना की जाँच में गठित कमीशन (आखिर दुनिया को बेवकूफ जो बनाना था) ने पाया कि विमान के पायलट की गलती के कारण यह दुर्घटना हुई। उसे नियंत्रक ने गलत जानकारी दी, जिसके कारण पायलेट ने मोंट ब्लाँक से अपनी दूरी का गलत आकलन लगाया, और रडार नियंत्रक को यह सूचना दी। नियंत्रक ने जानबूझ कर या किसी के इशारे पर विमान की पहाड़ से सही दूरी की जगह गलत दुरी माप कर के पायलट को सूचित किया। पायलट ने सूचित की गई जानकारी को सही समझा और अनुमान लगाया कि वह मोंट ब्लाँक चोटी को पीछे छोड़ चुका है और उसने विमान की ऊँचाई कम करनी शुरू कर दी व विमान की चोटी से सीधी टक्कर हुई।

81 करोड़ भारतीयों का आधार & पासपोर्ट डाटा बिक्री के लिए उपलब्ध

  अख़बार  बिजनेस स्टैंडर्ड  की रिपोर्ट के मुताबिक़, 81 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों की निजी जानकारी डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध है. अख़बा...