3 जुलाई 2012

स्विट्जरलैंड के बेंको ने ग्राहकों को लुभाने की नई तरकीब ईजाद कर ली.................


स्विट्जरलैंड के बैंक खातों पर सभी देशों की खुफिया एजेंसियों की नजर लगने के बाद उसने अपने ग्राहकों को लुभाने की नई तरकीब ईजाद कर ली है। अब वह उन्हें ऐसी तिजोरियां [सेफ डिपॉजिट बॉक्स] मुहैया करा है, जिनमें रखी संपत्ति अन्य देशों के साथ कर समझौते की जद में नहीं आती है। इन तिजोरियों का इस्तेमाल स्विस फ्रैंक के एक हजार के नोट [58, 500 रुपये], हीरे-जवाहरात व बेशकीमती पेंटिंग रखने के लिए किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार स्विस बैंक अपने ग्राहकों को बता रहे हैं कि काला धन का पता लगाने के अभियान के तहत स्विट्जरलैंड के साथ विभिन्न देशों की संधियों में सिर्फ बचत खातों व निवेश खातों में रखी गई रकम की जानकारी देने का प्रावधान है। सेफ डिपॉजिट बॉक्स इनकी परिधि में नहीं आते। इसके मद्देनजर ऐसे बॉक्स व एक हजार फ्रैंक के नोट की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक स्विस नेशनल बैंक [एसएनबी] के ताजा आंकड़ों के अनुसार मुद्रा प्रसार में एक हजार के नोटों की संख्या पिछले साल के 50 फीसदी से बढ़कर 60 फीसद हो गई है। एसएनबी ने यह जानकारी भी दी है कि विभिन्न देशों के धन कुबेरों में एक हजार फ्रैंक के नोट की मांग बढ़ी है। हालांकि बैंक ने इन नोटों की भारतीयों के बीच मांग के बारे में जानकारी देने से इंकार किया।
इन बॉक्स की मांग इतनी ज्यादा हो गई है कि अब इन्हें चुनिंदा धन कुबेरों को ही मुहैया कराया जा रहा है। ऐसे बॉक्स की संख्या का कोई आधिकारिक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन फीस व कमीशन से विभिन्न बैंकों की आमदनी के ब्योरे से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वर्ष 2011 में स्विस बैंकों की फीस व कमीशन में कमी दर्ज की गई, लेकिन सेफ डिपॉजिट बॉक्स पर वसूली जाने वाली रॉयल्टी व फीस में बढ़ोतरी हुई है।

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