30 मार्च 2013

जनरल मुशरर्फ के लिए दिल से लिखी कविता एक हिन्दुस्तानी द्वारा .....

मुशरर्फ के जूता पड़ने पर एक कविता या जो भी आप समझे दिल मे आई हैं पेश हैं -
काबिल-ए-इनाम थे ये जिसके , आज वही इनाम, अवाम से पाया हैं,
समझे थे पहले अपने ही शागिर्द आतंकियो का तोहफा, सोच कर ही पेशानी पर पसीना आया, पर जेसे पड़ा सर पर, खुल गयी आंखे, अरे ये तो अवाम का प्यार भरा तोहफा हैं, समझ कर सर हुजूर ने झुकाया हैं, खड़े पर ही पड़े, ओर जूते ही पड़े सही, पर कुछ तो अवाम की मंशा का एहतराम पाया हैं, शुक्र मना ए मुशरर्फ, ऊपर वाले ओर अवाम का, ओर निकल ले पतली गली से, वरना अभी तो वार्निग मे प्रेम से, ग्रेनेड की जगह केवल जूता ही आया,

सऊदी अरब मे नोकरी कर रहे भारतीयो पर खतरा ....

सऊदी अरब मे नोकरी कर रहे भारतीयो की नोकरी के साथ ही खुद उन पर भी जैल जाने का खतरा मंडरा रहा हैं,
सऊदी अरब में 27 मार्च से लागू नितकत (श्रम) कानून की नई श्रम-नीति से वहां काम कर रहे लाखों भारतीयों की नौकरी खतरे मे पड गयी है। इस कानून के अनुसार निचले व मध्यम स्तर की सभी कंपनियों को 10 % नौकरियां  स्थानीय युवकों के लिए रखनी होंगी। इस कानून को तोड़ने वाली कंपनियों के कर्मचारियों को गिरफ्तारी के बाद उन्हें उनके देश वापस भेजने का प्रावधान भी है। इस कानून के लागू होने से सऊदी अरब में कार्यरत भारत के कई लाख कामगार भी प्रभावित होंगे । प्रिंस ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वहां काम कर रहे भारतीयों से पूरा सहयोग किया जाएगा। वेसे इस मामले मे सऊदी के प्रिंस अपनी सरकार के श्रम मंत्रालय से बात करेंगे। सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास ने भी इस मामले मे वहां की सरकार से बात की है। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार, सऊदी अरब में करीब 20 लाख भारतीय कामगार कार्यरत हैं।
मध्य पूर्व के अखबार, खलीज टाइम्स के अनुसार, सऊदी अरब में करीब ढाई लाख लघु व मध्यम स्तर की कंपनियां तय समय सीमा में नितकत कानून की शर्ते लागू नहीं कर सकीं। इनके कर्मचारियों को उनके मूल देश वापस भेजा जा सकता है। कानून का सबसे बुरा असर केरल की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।

28 मार्च 2013

इंटरनेट पर छाये परेशानी के बादल, धीमी हुयी नेट की स्पीड ...

दुनिया भर में अब इंटरनेट पर संकट छा गया है। इसकी वजह से न सिर्फ इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को इसकी कम स्पीड का सामना करना पड़ रहा है, वहीं यह भी आशंका है कि इससे कई बैंकों के ईमेल अकाउंट और और महत्वपूर्ण पासवर्ड तक हैकर हैक कर सकते हैं। इसके कारण दुनिया के कई देश बेहद घबराए हुये हैं। इस समस्या का कारण स्पैम से लड़ने वाली आर्गेनाइजेशन में आपस मे आया मतभेद बताया जा रहा है। इसकी वजह से इंटरनेट पर साइबर अटैक हो सकता है। अगर  इससे जल्द ही न निपटा गया तो कई देशों में कई प्रकार की इन्टरनेट या ऑनलाइन से जुड़ी सुविधाएं बाधित हो जाएंगी। पांच देशों की साइबर पुलिस इसकी जांच में जुटी है। इस वजह से दुनिया के कई देशों में इंटरनेट की धीमी रफ्तार से इंटरनेट यूजर्स काफी परेशान हैं।
यदि इससे जल्द निजाद न पाई गई तो दुनिया के कई देशों को बड़ा नुकसान होने की पूरी संभावना है। दुनिया भर में भरे पड़े हैकर्स इस परेशानी का फायदा उठा सकते है। आप भी रहे जरा सावधान |

81 करोड़ भारतीयों का आधार & पासपोर्ट डाटा बिक्री के लिए उपलब्ध

  अख़बार  बिजनेस स्टैंडर्ड  की रिपोर्ट के मुताबिक़, 81 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों की निजी जानकारी डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध है. अख़बा...