4 जनवरी 2014

झाड़ू सिर्फ जनता को बेवकूफ बना, वोट बटोरने के लिए हैं ............

जनता की राय लेने की नौटंकी करने वाले केजरीवाल जरा ये भी बताएं कि क्या उन्होंने --
१. आम आदमी पार्टी के गठन से पहले दिल्ली की जनता की राय ली थी?
२. इस पार्टी का संयोजक बनते समय जनता की राय ली थी?
३. अपने मंच से भारतमाता का चित्र हटाते समय जनता की राय ली थी?
४. अपनी पार्टी में दायित्व वितरण के समय जनता की राय ली थी?
५. इमाम बुखारी की चौखट पर माथा रगड़ने से पहले जनता की राय ली थी?
६. तौकीर रज़ा के दर पर भीख मांगने से पहले जनता की राय ली थी?
७. रोडीज छाप रघु राजीव को अपनी पार्टी के प्रचार में शामिल करने से पहले जनता की राय ली थी?
८. बालीवुड के नौटंकीबाजों द्वारा जंतर मंतर पर पार्टी का प्रचार कराने से पहले जनता की राय ली थी?
९. मोदी को भ्रष्ट घोषित कर गुजरात में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा से पहले जनता की राय ली थी?
१०. दिल्ली में केजरी और केंद्र में मोदी का भ्रम फ़ैलाने के बाद इस से पलटने से पहले जनता की राय ली थी?
नौटंकीबाज ! जब अब तक इतना कुछ करने से पहले जनता को ठेंगे पर रखा था तो
अब जनता से पूछने का ड्रामा क्यों? कितना और बेवकूफ बनाओगे जनता को ? और ये जनता भी कब तक खुद बेवकूफ बनेगी ? भारत में एक कहावत हैं, जब तक देश में चूतिये हैं तब तक अक्लमंद भूखे नही रहेंगे" शायद देश की जनता खुद को चूतिये साबित करने पर तुली हैं |  

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