पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह का भविष्य भले ही फिर अधर में लटक गया हो, लेकिन खुशी की बात यह है कि पाकिस्तान ने बुधवार को 311 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया। कराची की जिला मलीर जेल के अधिकारियों ने कहा कि 311 भारतीय कैदियों को सुबह आठ बजे रिहा किया गया। ये वो केदी हें जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली थी, और इन्हे छोड़ कर पाक ने कोई सम्बन्ध सुधरने वाला कार्य नही किया हें इन्हे तो छोड़ना ही था। इनको भारत की वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया। कैदियों में 21 नाबालिग भी थे।
उन्हे कराची के यूथफुल ऑफेंडर्स स्कूल में रखा गया था। वयस्क कैदियों को मलीर जेल में रखा गया था। मलीर जेल में 127 भारतीय कैदी अब भी है।
उन्हे कराची के यूथफुल ऑफेंडर्स स्कूल में रखा गया था। वयस्क कैदियों को मलीर जेल में रखा गया था। मलीर जेल में 127 भारतीय कैदी अब भी है।
पीठ में हमेशा से खंजर घोपने वाले और धोखेबाज पाक ने आखिर फिर अपनी ओकात दिखा ही दी, सरबजीत को छोड़ने की कह कर अब सुरजीत को छोड़ रहा हें, जबकि सुरजीत की सजा वेसे ही पूरी हो चुकी हें, और उसे वेसे ही छोड़ना ही हें पाक को, भारत द्वारा पाक के जलीस अंसारी को छोड़ने के बदले सरबजीत को छोड़ने की बात पाक के राष्ट्रपति ने की थी, देखे ये लिंक http://oneindian009.blogspot.in/2012/05/blog-post_31.html लेकिन फिर से धोखेबाजी कर के पाक ने साबित कर दिया की वो कुत्ते वो दुम हें जो कभी भी सीधी नही हो सकती हें, इस बीच भारत ने बुधवार को एक बार फिर पाकिस्तान से सरबजीत को रिहा करने का अनुरोध किया। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया था कि राष्ट्रपति ने सरबजीत को क्षमादान दे दिया है, लेकिन राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने मंगलवार देर रात स्पष्ट किया कि यह सरबजीत नहीं, बल्कि कोट लखपत जेल में ही बंद एक अन्य कैदी सुरजीत सिंह है, जिसे रिहा किया जाएगा ।
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