
पहली उपलब्धि - पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने और शाति स्थापित करने की पहल, जिसका नतीजा निकला कारगिल में घुसपेठ जिसमे 1300 से ज्यादा भारतीय सेनिक मारे गये और अरबो रूपये खर्च हुए, और साथ ही आतंकी सईद को छोड़ना पड़ा साथ में उसे करोड़ो डॉलर भी देने पड़े जिसने मुंबई में ताज होटल में हमलो को अंजाम दिया, दूसरी उपलब्धि - देश भर में राजमार्गों तथा ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाया जिसमे उस वक़्त 30000 हजार करोड़ का घोटाला किया | राजग सरकार की ये दो बड़ी उपलब्धिया हैं। और तीसरी थी देश की नदियों को आपस में जोड़ने की, जो की भाजपा के दुर्भाग्य से और देश के सोभाग्य से पूरी नही हो पाई वरना इसमे तो बजट था 5,00,000 लाख करोड़ रूपये, देश को सूखे और बाढ़ से बचाने के लिए या अपने खुद के सूखे को मिटाने के लिए ? राजग सरकार ने शिवसेना नेता सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में कार्यबल बनाया था। चाहे भाजपा हो या कांग्रेस या और कोई भी पार्टी सभी सिर्फ खाने में ही लगे रहे हें हमेशा से देश को |
आडवानी के अनुसार हाल ही में उनसे मुलाकात करने वाले प्रभु ने उन्हें बताया कि इस अति महत्वाकाक्षी योजना को वास्तव रूप देने की दिशा में आगे बढ़ते हुए वह 5000 से अधिक बैठक कर चुके थे। उनके अनुसार प्रभु ने उन्हें यह भी बताया कि उनके विशेषज्ञों के समूह को पूरा विश्वास था कि देश की नदियों को जोड़ने में होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए वह कम से कम पाच लाख 60 हजार करोड़ रुपये जुटाने में सफल होंगे।
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