गुरुवार को एक क्षण ऐसा आया, जब यहां हर वस्तु की परछाई ही गायब हो गई। यह नजारा देख लोग अचरज में पड़ गए। ऐसा खगोलीय घटना के चलते हुआ, जिसे देखने के लिए लिए मध्य प्रदेश के उज्जैन की जीवाजी वेधशाला में विशेष इंतजाम किए गए थे । 21 जून को पृथ्वी के परिभ्रमण में कुछ ऐसी स्थिति बनती है कि वह कर्क रेखा पर लंबवत हो जाती है, जिससे कर्क रेखा पर स्थित सभी स्थानों पर परछाई गायब हो जाती है। उज्जैन में जीवाजी वेधशाला में इस खगोलीय घटना को शंकुयंत्र के माध्यम से स्पष्ट रूप से देखा गया। ठीक 12 बजकर 28 मिनट पर शंकु की परछाई गायब हो गई।
जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डा. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि परिभ्रमण की स्थिति में सूर्य 21 जून को 23 डिग्री 26 अंश उत्तरी गोलार्ध की कर्क रेखा पर तथा 22 दिसंबर को 23 डिग्री 26 अंश दक्षिणी गोलार्ध की मकर रेखा पर होता है। इसी तरह 21 मार्च व 23 सितंबर को वह विषुवत रेखा पर होता है। 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है। 21 जून के बाद सूर्य दक्षिणायन होने लगता है।
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