30 जून 2012

कोटा रावतभाटा में परमाणु ऊर्जा का काला सच आया सामने.............


 राजस्थान के रावतभाटा एटामिक पावर स्टेशन में दो कर्मियों के रेडियो एक्टिव पदार्थ ट्रीटियम की चपेट में आने  से दो की हालत ख़राब हो गयी है। दोनों को विशेषज्ञों की देखरेख में रखा गया है। लेकिन न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर ये मानने को तेयार नही की किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के असाधारण रिसाव जैसा कोई मामला नहीं है। रिएक्टर-5 की बिल्डिंग में मॉडरेटर कवर गैस लाइन खोलने के दौरान ट्रीटियम के घोल की अधिकता हो गई। वहां पर वेल्डिंग का काम चल रहा था। सभी लोगों को वहां से हटा लिया गया, लेकिन दो लोग उसकी चपेट में आ गए। मामले की जानकारी परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड को दे दी गई और एक कमेटी को मामले की जांच सौंप दी गई है। ट्रीटियम एक औसत दर्जे का रेडियोधर्मी हाइड्रोजन है, जो न्यूक्लियर पावर प्लांट के कार्य करने के दौरान बनता है। 2009 में कैगा परमाणु संयत्र के वाटर कूलर से ट्रीटियम-मिश्रित पानी रिसने से कई कर्मी बीमार पड़ गए थे। 

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