सियाचिन के बारे में कुछ जानकारी सियाचिन सेक्टर वो इलाका हे,जहाँ पर तापमान शून्य से -70 डिग्री होता हें,जहाँ पर कोई जीवन नही हे,जहाँ पर हवाए और बर्फीले तूफ़ान की गति 80 मील प्रति घंटे होती हें,जहाँ पानी भी बर्फ को गला कर पीना पड़ता हें,और जिन्दा रहने के लिए हर घड़ी संघर्ष करना पड़ता हें,जहाँ पर नहाना तो दूर उसकी सोचने पर भी दिल की धडकने रुक सी जाती हें,जिस जगह पर हाथ पैर की अंगुलिया कब गल जाती हें पता ही नही चलता उस जगह का नाम हें सियाचिन गलेशियर दुनिया की सबसे ऊँची रणभूमि,
पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने पाक संसद से कहा है कि उन्होंने भारत को इस बात से अवगत करा दिया है कि उनका देश सियाचिन और सर क्रीक मुद्दों पर प्रगति देखना चाहता है.उन्होंने कहा कि ये मुद्दे ‘हल करने योग्य’ हैं.और इधर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी( कारगिल घुसपेठ कराने में सहयोगी ) का भी मानना हें कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को सियाचिन से अपनी सेना बुला लेनी चाहिए.उनका कहना हे की दोनों देशों को सियाचिन के मुद्दों को बातचीत से सुलझाना चाहिए.और ऐसा वो इसलिए कह रहे हे क्यों की सियाचिन ही ऐसी जगह हे जहाँ भारत ऊपर से पाक पर नजर रख सकता हे,पाक के निचली जगह होने के कारण ही वो इतना जोर दे रहे हे भारत पर सियाचिन से वापस सेना बुलाने के लिए, ताकि फिर से वो कारगिल की तरह घुसपेठ कर के भारतीय सीमा में ऊँची जगह तक कब्ज़ा कर ले,सियाचिन और सर क्रीक के बारे में ही पाक नर्म पड़ता हे वरना हमेशा उसने पीठ में छुरा ही घोंपा हें,उनका ये भी कहना हें की दोनों देशों को सिंधु जल संधि का सम्मान करना चाहिए.
सिन्धु जलसंधि के मामले में पाक और चीन ने आपस में गठजोड़ कर लिया हे, भारत के बगलीहार जल परियोजना के विरोध में पाक ने चीन को उकसा कर ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन से कई बांधो का निर्माण करवा दिया हे,जिस से चीन कभी भी भारत के पूर्वी राज्यों में बाढ़ की स्तिथि पैदा कर सकता हे,ये सब इन दोनों देशो की सोची समझी रणनीति का हिस्सा हें, भारत को इन दोनों देशो से सावधान रहना होगा और भारत सरकार को कभी भी सियाचिन से सेना की वापसी न करते हुए अपनी पहुंच बनाये रखनी होगी,अन्यथा एक और कारगिल जेसी घुसपेठ के का सामना करने के लिए तेयार रहना होगा,
ज्ञात हो कि सियाचिन में इस महीने की शुरुआत में हुए हिमस्खलन में 125 पाकिस्तानी सैनिकों सहित 139 लोग दब गए.विश्व की सर्वाधिक ऊंचाई वाले इस सामरिक स्थल पर पाकिस्तान हमेशा से अपना दावा करते आया हैं और दोनों देशों ने यहां अपने हजारों सैनिक तैनात कर रखे हैं.,,,,,
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