जर्मनी में भारतीय मूल के एक छात्र ने दुनिया की गणित में 350 से अधिक वर्षो से अबूझ बनी पहेली को हल किया है। 16 वर्षीय शौर्य रे प्रख्यात गणितज्ञ और भौतिकविद् सर आइजक न्यूटन के बने सर्वाधिक जटिल गणितीय सवाल को सुलझा लिया है। इस सवाल को सुलझाने के लिए भौतिकशास्त्री अभी तक कंप्यूटर का प्रयोग करते थे।
समाचार पत्र 'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय किशोर के इस समाधान का अर्थ है कि वैज्ञानिक अब यह पता लगा सकते हैं कि किसी गेंद को फेंके जाने पर वह किस रास्ते से गुजरेगी और वह किस प्रकार दीवार से टकराएगी और किस तरह लौटेगी।'
शौर्य के मुताबिक, 'ड्रेसडेन यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेसरों ने कहा था कि न्यूटन के इस सवाल को कोई हल नहीं कर सकता। इसके बाद मैंने खुद से पूछा, मैं इसे क्यों नहीं हल कर सकता। मुझे विश्वास नहीं था कि इसका कोई हल भी होगा।'
शौर्य के पिता पेशे से इंजीनियर हैं जो चार साल पहले कोलकाता से जर्मनी चले गए थे। शौर्य ने छह साल की उम्र में ही गणित के कठिन सवालों को हल करना शुरू कर दिया था। किशोरावस्था में उसके पिता उसे अंकगणित के सवाल हल करने के लिए दिया करते थे। बाद में वह जर्मनी गया और वहां उसने जर्मन भाषा सीखी ।
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