भोपाल गैस कांड के बाद 28 साल से बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे का आज तक निस्तारण न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सरकार इस बारे में गंभीर नहीं है।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी व न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने कहा कि 'इस बारे में 28 साल बाद भी फैसला नहीं हो पाया, क्योंकि भोपाल में रहने वाले प्रभावित लोग गरीब हैं। ये समस्या से निपटने में सरकार की नाकामी है।' कोर्ट ने कहा कि 'समस्या से निपटने के प्रति गंभीरता कम है।' पीठ ने इन टिप्पणियों के साथ मामले की सुनवाई दो जुलाई तक टाल दी।
अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह यूनियन कार्बाइड के कचरा निस्तारण के बारे में आठ जून को होने वाली मंत्री समूह [जीओएम] की बैठक में लिए जाने वाले निर्णय को अदालत में पेश करे। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल गौरव बनर्जी व मप्र के वकील रवि शंकर प्रसाद ने पीठ को बताया कि कचरा निस्तारण के मुद्दे पर जीओएम की बैठक होने वाली है। जीओएम ने मध्यप्रदेश सरकार से कचरा निस्तारण पर सुझाव व आपत्तियां मांगी हैं। बैठक के मद्देनजर कोर्ट ने सुनवाई दो जुलाई तक स्थगित कर दी ।
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