मंगल ग्रह पर पाए गए कांच के टीलों से जीवन की संभावना को फिर से बल मिला है। माना जा रहा है कि यह टीले की सतह के भीतर पाए जाने वाले गर्म पदार्थ 'मैग्मा', बर्फ और पानी के मिलने से बने हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इन टीलों के मैदान ग्रह के एक तिहाई हिस्से तक फैले हुए हैं। पत्थरों के अवशेषों ने वैज्ञानिकों के सामने पहेली पेश की है। ऐरिजोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के 'मार्स एक्सप्रेस' की मदद से ग्रह के प्रकाश का अध्ययन किया गया। इसमें कांच से भरी रेत के कारण नए आंकड़े मिले हैं।
नासा द्वारा प्रायोजित 'ऐस्ट्रोबायोलॉजी' पत्रिका के अनुसार, प्रमुख शोधकर्ता ब्रियोनी होरगैन ने कहा है, हमें कांच के कण मिले हैं। इन कणों की मौजूदगी मात्र ज्वालामुखी घटनाओं से ही संभव हो सकती है। यह मंगल पर ज्वालामुखी घटना के पहले प्रमाण हैं।
लंदन विश्वविद्यालय की क्लेर कजिंस ने कहा, जब तरल लावा और मैग्मा एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो जल्दी से ठंडे होकर ठोस अवस्था में आ जाते हैं। मंगल की सतह पर पाए गए इन कांच के मैदानों के बारे में प्रसिद्ध जर्नल 'जियोलॉजी' में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह कांच के कण वहां जीवन का वास्तविक प्रमाण न हो, पर यह इस संभावना की दिशा में नए और पुख्ता परिणाम सामने ला सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें