विवादास्पद पुस्तक 'लज्जा' की बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन की ट्विटर पर मुस्लिम महिलाओं के बारे में बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी को बिहार के बेतिया की अदालत ने आपराधिक कृत्य माना है। तस्लीमा ने यह टिप्पणी मुस्लिम महिलाओं के सेक्स के अधिकार पर की थी ।( तसलीमा ने कहा था की हर मुस्लिम ओरत को 73 मर्दों साथ सेक्स करना चाहिए ) अदालत ने तस्लीमा पर मुकदमा चलाने का फैसला किया है।
बिहार में बेतिया के बसवरिया निवासी अधिवक्ता मुराद अली के परिवाद की जांच के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लेखिका के इस बयान को प्रथम दृष्टया अपराध माना है। अदालत ने जांच के बाद माना है कि समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों के आधार पर मामला बनता है। तस्लीमा के खिलाफ दंडनीय अपराध का मुकदमा चलाने लायक सामग्री अभिलेख पर उपलब्ध है।
अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने परिवादी मुराद अली को सात दिन के अंदर अभियुक्त को नोटिस जारी करने के उद्देश्य से अभियुक्त तस्लीमा का पता उपलब्ध कराने का आदेश दिया है ।
बिहार में बेतिया के बसवरिया निवासी अधिवक्ता मुराद अली के परिवाद की जांच के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लेखिका के इस बयान को प्रथम दृष्टया अपराध माना है। अदालत ने जांच के बाद माना है कि समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों के आधार पर मामला बनता है। तस्लीमा के खिलाफ दंडनीय अपराध का मुकदमा चलाने लायक सामग्री अभिलेख पर उपलब्ध है।
अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने परिवादी मुराद अली को सात दिन के अंदर अभियुक्त को नोटिस जारी करने के उद्देश्य से अभियुक्त तस्लीमा का पता उपलब्ध कराने का आदेश दिया है ।
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