बोद्ध मठ से कुछ करोड़ रूपये की मिलने से पुलिस और जाँच एजेंसिया इस तरह से बर्ताव कर रही हें, मानो रूपये नही कोई घातक हथियार मठ से मिले हो । पुलिस और जाँच एजेंसिया अगर अपनी इमानदारी के साथ काम करे,तो इतने से रूपये भारत में हर सांसद और विधायक और बड़े अपराधियों,तस्करों के घर मिल जायेंगे । फिर ये पुलिस और जाँच एजेंसिया बोद्ध मठ से मिले रुपयों के लिए इतनी हाय तोबा क्यों मचा रही हें,अगर जांच ही करनी हें तो निर्मल बाबा और पाल दिनाकरन जेसे लोगो की करे । इनकी जांच के लिए क्या अलग से कानून बनाना पड़ेगा ? और हो सकता हे ये चीन की कोई साजिश हो ?क्यों की तिब्बत में तिब्बतियों पर चीन के द्वारा हो रहे अत्याचार और शोषण किसी से छिपे नही हें,और भारत ने ही तिब्बती लोगो को अपने यहाँ शरण दे रखी हें,इसलिए शायद चीन ने उन बोद्ध मठों को बदनाम करने की कोई चाल चली हो ? ताकि भारत में उनके खिलाफ गलत धारणा बनायीं जा सके , सरकार को चाहिए की इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए एक कमेठी का गठन करे जो सच्चाई का पता लगा कर हकीकत सामने लाये ।
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