15 मई 2012

जनता की भलाई के नही-अफसरों की ''कमाई'' के फेसले लेती सरकार

एलपीजी गेस फिर से होश उड़ाने की तेयारी में हें । पर राहत वाली बात ये हें, की इनके बढ़े हुए दाम सिर्फ एमएलए और एमपी और टॉप क्लास के सरकारी अधिकारियों को ही चुकाने पड़ेंगे । सरकार दो चरणों में सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी में कटोती करने वाली हें । एमएलए और एमपी और टॉप क्लास के सरकारी अधिकारियों को अब बाजार से 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर लेने होंगे । ये सरकार कह रही हें, अब इस लुटरो से भरी सरकार को कोन बताये, की वेसे ही ये एमएलए और एमपी और सरकारी अधिकारी आम जनता के लिए आने वाली योजनाओं तक को नही छोड़ते हें, और इनमे तक धांधली करके पैसा खा जाते हें,तो क्या ये इतने सीधे हें जो सिलेंडर बाजार से लेंगे ? अब इनके घरो में गेस की सप्लाई बराबर रहे, इसके लिए आम जन के लिए आने वाली गेस को इन तक खुद गेस एजेंसिया ही घर पहुचा देगी । आखिर उन्हें भी तो कालाबाजारी करनी हें गेस की ।और वो इन अफसरों और नेताओ के संरक्षण में ही संभव हें । अब देश में ऐसे तो हिम्मत वाले अधिकारी हें नही,जो इनके घरो में जाकर देख सके की ये कॉमर्शियल सिलेंडर काम में ले रहे हें या घरेलू ।आम जनता को ये सरकार दिखा रही हें की देखो हमने इन्हें गेस पर भी छुट देना बंद कर दिया हें। और हम जनता की भलाई के फेसले ले रहे हें,पर यही सरकार पीठ पीछे इनके द्वारा हो रहे घोटालो पर मोंन धारण कर के बेठी हें ।    

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