
बिहार में बेतिया के बसवरिया निवासी अधिवक्ता मुराद अली के परिवाद की जांच के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लेखिका के इस बयान को प्रथम दृष्टया अपराध माना है। अदालत ने जांच के बाद माना है कि समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों के आधार पर मामला बनता है। तस्लीमा के खिलाफ दंडनीय अपराध का मुकदमा चलाने लायक सामग्री अभिलेख पर उपलब्ध है।
अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने परिवादी मुराद अली को सात दिन के अंदर अभियुक्त को नोटिस जारी करने के उद्देश्य से अभियुक्त तस्लीमा का पता उपलब्ध कराने का आदेश दिया है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें