19 जून 2012

भारत ने किया इक और धमाका-देश की पहली स्वदेशी तकनीक वाली परमाणु पनडुब्बी का सफल परिक्षण

विकास की और बढ़ते देश ने स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी 'आइएनएस अरिहंत' के विकास के महत्वपूर्ण चरण को पार करते हुए उसके लघु परमाणु रिएक्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है । परमाणु रिएक्टर को पनडुब्बी में लगाने के बाद उसे चालू भी किया गया। शुरुआती परीक्षण के बाद रिएक्टर को निकाल लिया गया हें । पनडुब्बी में परमाणु रिएक्टर लगाने और उसकी कमियां दूर करने की प्रक्रिया कुछ समय तक चलेगी। परमाणु रिएक्टर के आरंभिक सफल परीक्षण को देखते हुए इस बात की पूरी उम्मीद है कि आइएनएस अरिहंत के हार्बर एक्सेप्टेंस ट्रायल [एचएटी] अगले तीन महीने में और सी एक्सेप्टेंस ट्रायल [एसएटी] दिसंबर तक शुरू हो जाएंगे। करीब एक साल के परीक्षणों के बाद यह परमाणु पनडुब्बी भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगी। परमाणु पनडुब्बी संचालित करने वाला भारत दुनिया का छठा देश बन गया है। इस प्रतिष्ठित समूह में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन पहले से ही शामिल हैं।
अरिहंत का लघु परमाणु रिएक्टर 83 मेगावाट का दाबित [प्रेसराइज्ड] जल रिएक्टर है। इसे रूस के सहयोग से विकसित किया गया है। इसमें उच्च संवर्धित यूरेनियम ईधन इस्तेमाल किया जाता है। परंपरागत पनडुब्बी के विपरीत परमाणु पनडुब्बी पानी के भीतर महीनों तक रहती है। ऐसे में उसके हर हिस्से, पुर्जे और खासतौर से परमाणु रिएक्टर की जांच करना बेहद जरूरी होता है।
देश ने 26 जुलाई, 2009 को आइएनएस अरिहंत का जलावतरण किया था। हाल में उसने रूस से दस साल के पंट्टे पर ली गई परमाणु पनडुब्बी आइएनएस चक्र को विशाखापत्तनम में अपने बेड़े में शामिल किया है। 

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