19 जून 2012

भ्रष्टाचार का विरोध करने पर, पुलिस ने की एक समाजसेवी की हत्या...............


मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक सामाजिक कार्यकर्ता अम्बिका दुबे को इसलिए पुलिस ने गोली मार कर हत्या कर दी की वो गाँव में सरकारी अनाज कम आने का विरोध करने का विरोध कर रहा था । प्रशासन ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश के साथ ही पुरे थाने को सिर्फ लाइन हाजिर ही किया जबकि उन्हें निलंबित करना था। राज्य सरकार द्वारा वर्षा पूर्व उन गांव में अनाज का भंडारण कर देती है, जो पहुंच विहीन होते हैं। नरसिंहपुर जिले का झिलपनीढाना भी एक ऐसा ही गांव है, जो बरसात में चारों ओर से कट जाता है। जिला प्रशासन ने यहां भी खाद्यान्न भेजा था। गांव के समाजसेवी अम्बिका प्रसाद दुबे ने सहकारी समिति के लिए आए अनाज की मात्रा कम पाने पर विरोध दर्ज कराया। खाद्यान्न की जो मात्रा कागऔर जों में है, उससे वाहनों में कम थी। इसी बात को लेकर समिति के संचालक व दुबे के साथियों में विवाद हुआ। शनिवार की रात को सुआताल के थाना प्रभारी आशुतोष मय पुलिस बल के गांव पहुंचे। गांव वालों द्वारा अनाज से भरे वाहनों को रोके जाने पर पुलिस का भी गांव वालों से विवाद हुआ। विवाद के बाद पुलिस ने अम्बिका को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई।
गांव वालों का आरोप है कि थाना प्रभारी ने गोली मारी है, वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओ पी त्रिपाठी का कहना है कि पुलिस जवानों से हुई हाथापाई में अम्बिका की गोली लगने से मौत हुई है।
वहीं पुलिस अधीक्षक जी पांडे का कहना है कि जांच के बाद ही घटना की वजह का खुलासा हो पाएगा। इसके अलावा पुलिस ने गाँव वालो पर दबाव बनाने के लिए झूठे मामले में मृतक के परिजनों व ग्रामीणों के खिलाफ मारपीट, पथराव, कट्टे से फायर तथा शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अम्बिका तथा अन्य के खिलाफ बंधक बनाने व ट्रक को जब्त कर लूटपाट करने का मामला दर्ज किया है, जिससे इन लोगो पर मामले में समझोता करने का दबाव बनाया जा सके ।

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