27 अप्रैल 2012

बढते कदम विकास की और 800 मेगावाट की ''पन बिजली'' योजना शुरू .......

बिहार में नितीश सरकार के आने के बाद बिहार विकास की राह पर तेजी से बढ़ रहा हें,विकास में एक और नई कड़ी हें,''पन बिजली परियोजना'',
बिजली की किल्लत झेल रहे बिहार में करीब 800 मेगावाट की कुल 25 पनबिजली परियोजनाओं के प्रस्ताव पर विभिन्न स्तरों पर काम जारी है.
बिहार में वर्तमान में 54 मेगावाट की स्थापित जल विद्युत क्षमता है, और 33 मेगावाट की विभिन्न पनबिजली परियोजनाओं का काम जारी है,और करीब 800 मेगावाट की 25 अन्य पनबिजली परियोजनाओं के योजना पर काम चल रहा है.
सुपौल जिले में कोसी नदी पर बहुप्रतिक्षित 130 मेगावाट की डागमारा पनबिजली परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) केंद्र सरकार को भेज दिया गया है,जिसकी स्वीकृति मिल जाने पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
पहले डागमारा परियोजना के पहले प्रस्ताव के कारण नेपाल क्षेत्र में डूब की स्थिति पैदा होने को देखते हुए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण एवं केंद्रीय जल आयोग द्वारा परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृत नहीं किया गया था,और परियोजना को नदी में और नीचे की तरफ विस्थापित किए जाने का सुझाव दिया था,जिसके बाद मेसर्स वाप्कोस से दुबारा डीपीआर तैयार करा,अनुमोदन के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को भेज दिया गया है.
इस परियोजना के लिए एशियाई विकास बैंक अपना पैसा देगा.

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